जै जै जै हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाई।
जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई॥
अर्थ- श्री हनुमान आप अपने भक्तों के रक्षक हैं, आपकी बारंबार जय हो। एक गुरु की तरह आपने मुझ पर ज्ञान की वर्षा की है। आपकी कृपा से मेरे सारे कष्ट दूर हो जाएंगे। अगर कोई इस चालीसा का 100 बार पाठ करेगा उसे महासुख और मोक्ष की प्राप्ति होगी।