आयुर्वेद के अनुसार शरीर से विशाक्त पदार्थों को बहार निकालने की प्रक्रिया को पंचकर्म सिद्धांत के अंतर्गत रखा गया है। इसे हम शरीर का शुद्धिकरण भी कह सकते है, क्योंकि जब हम शरीर से विशैले पदार्थों का त्याग करते है तो हमारा शरीर पूरी तरह से शुद्ध हो जाता है।